Hi everyone! How are you all doing? Welcome to hindiyaro.net! नमस्कार दोस्तों! आज हम आपके लिए Muharram Shayari In Hindi का एक खास संग्रह लेकर आए हैं। इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना मुहर्रम इस्लामी आस्था में बहुत महत्व रखता है। इस महीने का दसवां दिन, जिसे ‘आशूरा’ के नाम से जाना जाता है, पैगंबर हजरत मोहम्मद के प्यारे पोते हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद दिलाता है। अपने परिवार और दोस्तों के साथ, हजरत इमाम हुसैन ने कर्बला की ऐतिहासिक लड़ाई में न्याय, समानता और अत्याचार के खिलाफ़ बहादुरी से खड़े हुए।.
इस पवित्र दिन पर, मुस्लिम समुदाय जुलूस और ताजिया के साथ उनके बलिदान का सम्मान करता है, जो उनके द्वारा लड़े गए मूल्यों को दर्शाता है। उनकी विरासत को श्रद्धांजलि देने के लिए, हमने Muharram Shayari In Hindi का एक भावपूर्ण संग्रह संकलित किया है। इन छंदों को अपने दोस्तों और प्रियजनों के साथ साझा करें क्योंकि हम हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हैं और उनका सम्मान करते हैं।.
Muharram Shayari in Hindi

🌍 “एक दिन बड़े गुरूर से कहने लगी जमीन है मेरे नसीब में परचम हुसैन का फिर चाँद ने कहा मेरे सीने के दाग देख होता है आसमान पर भी मातम हुसैन का” 🌙 |
💔 “कर्बला की जमीं पर खून बहा, कत्लेआम का मंजर सजा, दर्द और दुखों से भरा था सारा जहां लेकिन फौलादी हौसले को शहीद का नाम मिला” 💪 |
🕊️ “मुहर्रम पर याद करो वो कुर्बानी, जो सिखा गया सही अर्थ इस्लामी, ना डिगा वो हौसलों से अपने, काटकर सर सिखाई असल जिंदगानी” 🕊️ |
🕌 “करीब अल्लाह के आओ तो कोई बात बने, ईमान फिर से जगाओ तो कोई बात बने, लहू जो बह गया कर्बला में उनके मकसद को समझो तो कोई बात बने” 🌟 |
💧 “अपनी तकदीर जगाते हैं तेरे मातम से, खून की राह बिछाते हैं तेरे मातम से, अपनी इजहारे-ए-अकीदत का सिलसिला ये है, हम नया साल मनाते हैं तेरे मातम से” 💧 |
🙏 “क्या हक अदा करेगा ज़माना हुसैन का अब तक ज़मीन पर कर्ज़ है सजदा हुसैन का झोली फैलाकर मांग लो मुमीनो हर दुआ कबूल करेगा दिल हुसैन का” 🌸 |
✨ “जन्नत की आरज़ू में कहां जा रहे हैं लोग जन्नत तो कर्बला में खरीदी हुसैन ने दुनिया-ओ-आखरात में जो रहना हो चैन से जीना अली से सीखो मरना हुसैन से” 🌙 |
☁️ “ख़ुदा की जिस पर रहमत हो वो हुसैन हैं, जो इंसाफ और सत्य के लिए लड़ जाए वो हुसैन हैं” ⚔️ |
🍶 “पानी का तलब हो तो एक काम किया कर, कर्बला के नाम पर एक जाम पिया कर, दी मुझको हुसैन इब्न अली ने ये नसीहत, जालिम हो मुकाबिल तो मेरा नाम लिया कर” 🍶 |
🔥 “फिर आज हक़ के लिए जान फिदा करे कोई, वफ़ा भी झूम उठे यूँ वफ़ा करे कोई, नमाज़ 1400 सालों से इंतजार में है, हुसैन की तरह मुझे अदा करे कोई” 🌹 |
🌾 “कर्बला की कहानी में कत्लेआम था लेकिन हौसलों के आगे हर कोई गुलाम था, खुदा के बन्दे ने शहीद की कुर्बानी दी इसलिए उसका नाम पैगाम बना” 📜 |
🌍 “एक दिन बड़े गुरूर से कहने लगी ज़मीन, ऐ मेरे नसीब में परचम हुसैन का, फिर चाँद ने कहा मेरे सीने के दाग देख, होता है आसमान पर भी मातम हुसैन का” 🌙 |
🏴 “गुरूर टूट गया कोई मर्तबा ना मिला, सितम के बाद भी कुछ हासिल जफा ना मिला, सिर-ऐ-हुसैन मिला है यजीद को लेकिन शिकस्त यह है की फिर भी झुका हुआ ना मिला” ⚔️ |
🌹 “वो जिसने अपने नाना का वादा वफा कर दिया, घर का घर सुपुर्द-ए-खुदा कर दिया, नोश कर लिया जिसने शहादत का जाम, उस हुसैन इब्न अली को लाखों सलाम” 🕊️ |
🔥 “आँखों को कोई ख्वाब तो दिखायी दे, ताबीर में इमाम का जलवा तो दिखायी दे, ए इब्न-ऐ-मुर्तजा सूरज भी एक छोटा सा जरा दिखायी दे” 🌅 |
🙏 “न हिला पाया वो रब की मैहर को, भले ही जीत गया वो कायर जंग, पर जो मौला के डर पर बैखोफ शहीद हुआ, वही था असली और सच्चा पैगंबर” 🕊️ |
💐 “दिल से निकली दुआ है हमारी, मिले आपको दुनिया में खुशियां सारी, गम ना दे आपको खुदा कभी, चाहे तो एक खुशी कम कर दे हमारी, जन्नत की आरज़ू में कहां जा रहे है लोग” 🌙 |
🌙 “कर्बला को कर्बला के शहंशाह पर नाज है, उस नवासे पर मुहम्मद को नाज है, यूँ तो लाखों सिर झुके सजदे में, लेकिन हुसैन ने वो सजदा किया जिस पर खुदा को नाज है।” 🌙 |
☁️ “हुसैन तेरी अता का चश्मा दिलों के दामन भिगो रहा है, ये आसमान में उदास बादल तेरी मोहब्बत में रो रहा है, सबा भी जो गुजरे कर्बला से तो उसे कहता है अर्श वाला, तू धीरे गुजर यहां मेरा हुसैन सो रहा है” 🌙 |
🌸 “क्या हक़ अदा करेगा ज़माना हुसैन का, अब तक ज़मीन पे क़र्ज़ है सजदा हुसैन का, झोली फैला कर मांग लो मोमिनो, हर दुआ कबूल करेगा दिल हुसैन का” 🌹 |
🌟 “अपनी तक़दीर जगाते है तेरे मातम से, खून की राह बिछाते हैं तेरे मातम से, अपने इज़हार-ए-अक़ीदत का सिलसिला ये है, हम नया साल मनाते है तेरे मातम से” 🌟 |
🌴 “दश्त-ए-बाला को अर्श का जीना बना दिया, जंगल को मुहम्मद का मदीना बना दिया, हर जर्रे को नज़फ का नगीना बना दिया, हुसैन तुमने मरने को जीना बना दिया” 🌿 |
🌤️ “सबा भी जो गुजरे कर्बला से तो उसे कहता है अर्थ वाला, तू धीरे गूजर यहाँ मेरा हुसैन सो रहा है” 🌙 |
🕌 “ना पूछ वक़्त की इन बेजुबान किताबों से, सुनो जब अज़ान तो समझो के हुसैन जिंदा है” 🕌 |
🔥 “खून से चराग-ए-दीन जलाया हुसैन ने, रस्म-ए-वफ़ा को खूब निभाया हुसैन ने, खुद को तो एक बूँद न मिल सका लेकिन, करबला को खून पिलाया हुसैन ने” 🕊️ |
🌧️ “हुसैन तेरी अता का चश्मा दिलों के दामन भिगो रहा है, ये आसमान में उदास बादल तेरी मोहब्बत में रो रहा है” ☁️ |
🌍 “यूँ ही नहीं जहाँ में चर्चा हुसैन का, कुछ देख के हुआ था जमाना हुसैन का, सर दे के जो जहाँ की हुकूमत खरीद ली, महँगा पड़ा यजीद को सौदा हुसैन का” 🕊️ |
🕌 “कर्बला की शहादत इस्लाम बना गयी, खून तो बहा था लेकिन, कुर्बानी हौसलों की उड़ान दिखा गयी” 🌾 |
🌅 “आँखों को कोई ख्वाब तो दिखायी दे, ताबीर में इमाम का जलवा तो दिखायी दे, ए इब्न-ऐ-मुर्तजा सूरज भी, एक छोटा सा जरा दिखायी दे” 🌞 |
💧 “कर्बला की जमीं पर खून बहा, कत्लेआम का मंजर सजा, दर्द और दुखों से भरा था सारा जहां, लेकिन फौलादी हौसले को शहीद का नाम मिला” 🕊️ |
🌴 “दश्त-ए-बाला को अर्श का जीना बना दिया, जंगल को मुहम्मद का मदीना बना दिया, हर जर्रे को नज़फ का नगीना बना दिया, हुसैन तुमने मरने को जीना बना दिया” 🌸 |
🕊️ “खून से चराग-ए-दीन जलाया हुसैन ने, रस्म-ए-वफ़ा को खूब निभाया हुसैन ने, खुद को तो एक बूँद न मिल सका लेकिन, कर्बला को खून पिलाया हुसैन ने” 💔 |
दिल छूने वाली मुहर्रम शायरियाँ हिंदी में | Muharram Shayari In Hindi

🌙 मुहर्रम शायरी कर्बला की शहादत और हुसैन की कुर्बानी को याद दिलाती है। ये दिलों को छू जाने वाली पंक्तियाँ होती हैं। 🌹 |
💧 मुहर्रम के शेर गहरे दर्द और बलिदान की कहानी को बयां करते हैं, जो हमारी आत्मा तक पहुँचते हैं। 💔 |
🙏 मुहर्रम शायरी से इंसाफ और सच्चाई की लड़ाई में शहीद होने वालों का सम्मान किया जाता है। 🌸 |
🌾 हुसैन की कुर्बानी पर आधारित शायरियाँ हमें सिखाती हैं कि सत्य और न्याय के लिए कैसे खड़ा होना चाहिए। 🌙 |
🌴 मुहर्रम की शायरियाँ दिल को झकझोर देने वाली होती हैं, जो हमें त्याग और बलिदान की महत्ता समझाती हैं। 🌾 |
🕊️ कर्बला की कहानी पर बनी शायरियाँ हमें अपने विश्वास और धर्म के प्रति अडिग रहने की प्रेरणा देती हैं। 🌙 |
🕌 इस्लाम और इंसानियत के लिए दिए गए बलिदानों की याद में कही गई शायरियाँ दिल को छू जाती हैं। 🌟 |
✨ हुसैन की शायरी हमें बताती है कि कैसे त्याग और हौसलों से जीवन को जीना चाहिए। 💧 |
🌸 मुहर्रम पर शेर हौसलों की उड़ान और कुर्बानी के जज़्बे को सलाम करते हैं। 🕊️ |
💔 मुहर्रम के शेर हमें सिखाते हैं कि जब सत्य की राह पर चलने की बात हो, तो बलिदान भी कम नहीं होता। 🌙 |
🌙 कर्बला की शायरियाँ दर्द और बलिदान की ऐसी कहानियाँ बयां करती हैं, जो हमारी आत्मा को छू लेती हैं। 🌿 |
🌹 हुसैन की शहादत पर आधारित शायरियाँ दिल को गहराई से छूती हैं और हमें धार्मिकता का महत्व बताती हैं। 🕌 |
💧 इस्लाम के बलिदान पर लिखी शायरी मुहर्रम के दिनों में दिलों में एक नया जोश और एहसास भरती है। ✨ |
🌾 हुसैन की मोहब्बत पर शायरियाँ दिलों में वफ़ा और ईमान को जगाती हैं। 🌙 |
🕊️ कर्बला की धरती पर हुई शहादत को बयान करने वाली शायरी, त्याग और बलिदान का संदेश देती है। 💔 |
🙏 मुहर्रम की शायरी जीवन की सच्चाइयों और धार्मिकता के वास्तविक मायनों को समझने में मदद करती है। 🌾 |
🌙 इस्लामिक शेर सत्य की लड़ाई में शहीद होने वालों की कुर्बानी को अमर कर देते हैं। 🌹 |
🕌 मुहर्रम के दौरान कही गई शायरी हमें हुसैन की शिक्षाओं का महत्व समझाती है। 🌸 |
💧 कर्बला की कुर्बानी की शायरी हमें बताती है कि जीवन में सत्य और न्याय के लिए मर मिटना ही असल बलिदान है। ✨ |
🌟 हुसैन की याद में लिखी शायरी हमें त्याग, ईमान और इंसाफ की महत्ता सिखाती है। 🌿 |
💔 मुहर्रम की शायरी में हुसैन की मोहब्बत और बलिदान का गहरा जिक्र होता है। 🌙 |
🌾 कर्बला की शहादत पर आधारित शायरियाँ दर्द के साथ इंसानियत का पाठ पढ़ाती हैं। 🕊️ |
🌙 इस्लाम और मानवता के लिए हुसैन का बलिदान मुहर्रम की शायरियों में याद किया जाता है। 🌹 |
💧 मुहर्रम शायरी सच्चाई के रास्ते पर चलने और बलिदान देने के महत्व को समझाती है। 🌸 |
🌿 हुसैन की शायरी न्याय और सत्य की लड़ाई में उनके संघर्ष और समर्पण को बयां करती है। 🕌 |
✨ इस्लाम की रक्षा के लिए कर्बला में दिए गए बलिदान पर आधारित शायरियाँ दिल को छूती हैं। 💔 |
🌟 मुहर्रम पर शायरी में हुसैन के जीवन और उनकी शहादत का वर्णन होता है, जो दिलों में अमिट छाप छोड़ता है। 🕊️ |
🌸 कर्बला की जमीं पर बहा खून और दिया गया बलिदान शायरी में एक प्रेरणादायक संदेश छोड़ता है। 🌙 |
💔 मुहर्रम शायरी हमें हुसैन की कुर्बानी को सलाम करने और इस्लाम के सही मायनों को समझने का अवसर देती है। ✨ |
🌙 हुसैन की शायरी उनकी वीरता और सत्य की लड़ाई के लिए किए गए बलिदानों की याद दिलाती है। 🌹 |
मुहर्रम पर भावपूर्ण शायरी बेहतरीन शेर और अशआर

🌙 मुहर्रम की शायरी हुसैन की शहादत और इस्लाम के प्रति उनकी निष्ठा का गहरा वर्णन करती है। 🕌 |
💧 मुहर्रम पर शेर दिल को गहराई से छूने वाले होते हैं, जो हमें बलिदान की अहमियत समझाते हैं। 🌾 |
🌸 हुसैन की कुर्बानी पर आधारित शायरी त्याग और इंसाफ के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। 💔 |
🌹 मुहर्रम के अशआर हमें कर्बला की ऐतिहासिक घटना और उसके गहरे संदेशों से रूबरू कराते हैं। 🕊️ |
🕌 कर्बला की शहादत पर लिखे गए शेर हमें न्याय, सच्चाई और साहस का महत्व सिखाते हैं। 🌙 |
✨ मुहर्रम शायरी हुसैन के बलिदान की कहानी को हर दिल तक पहुँचाती है और इंसानियत का संदेश देती है। 🌿 |
🌾 हुसैन की मोहब्बत और उनकी निस्वार्थता को बयान करने वाली शायरी दिलों को छू जाती है। 💧 |
💔 मुहर्रम के अशआर दर्द और त्याग की गाथा को बयां करते हैं, जो हर शख्स के दिल में उतरते हैं। 🕌 |
🌟 कर्बला की कहानी का जिक्र करने वाली शायरियाँ, हमें मानवता और साहस की सिख देती हैं। 🌙 |
🌿 हुसैन की याद में कहे गए शेर हमें धर्म और सच्चाई की राह पर चलने का साहस देते हैं। 🕊️ |
🌙 मुहर्रम के शेर हुसैन की वीरता और इस्लाम की रक्षा के लिए उनके बलिदान को सलाम करते हैं। 💔 |
🕊️ कर्बला का मंजर और उसमें दिए गए बलिदान पर शायरी दिल को झकझोरने वाली होती है। 🌸 |
💧 मुहर्रम की शायरी हमें त्याग, सहनशीलता और इंसाफ का महत्व बताती है। 🌿 |
🌾 हुसैन की शहादत को समर्पित शेर हमें बलिदान और साहस का सही अर्थ समझाते हैं। 🕌 |
🌸 मुहर्रम पर बेहतरीन शायरी में कर्बला की ऐतिहासिक घटना का जिक्र होता है, जो हमें साहस और विश्वास सिखाती है। 🌟 |
💔 हुसैन की शायरी उनके अद्वितीय त्याग और सत्य की राह पर चलने की गाथा को व्यक्त करती है। 🌹 |
🕌 मुहर्रम शायरी में हुसैन की शहादत का उल्लेख होता है, जो हमें उनकी निष्ठा और वीरता का एहसास दिलाता है। ✨ |
🌙 कर्बला के शेर इस्लाम के प्रति हुसैन की निष्ठा और उनकी शहादत को शब्दों में जीवंत करते हैं। 🌾 |
🌾 मुहर्रम के अशआर साहस, त्याग और ईमानदारी के प्रतीक होते हैं, जो हमें धर्म की सही राह पर चलने की प्रेरणा देते हैं। 💧 |
🕌 हुसैन के बलिदान को समर्पित शायरी हमें इंसाफ और सच्चाई की राह पर चलने की प्रेरणा देती है। 🌸 |
💔 कर्बला की घटना का जिक्र करने वाली शायरी हर दिल को छू जाती है, और हमें हुसैन के बलिदान का महत्व समझाती है। 🌙 |
🌿 मुहर्रम के शेर हमें इंसानियत, साहस और त्याग की भावना से ओत-प्रोत करते हैं। 🌟 |
🕊️ हुसैन की शायरी से हम साहस, ईमानदारी और धर्म के प्रति निष्ठा की प्रेरणा लेते हैं। 🌾 |
🌹 कर्बला की जमीं पर बहा खून और दिए गए बलिदान पर शेर हर शख्स के दिल में अमिट छाप छोड़ते हैं। ✨ |
💧 मुहर्रम की भावपूर्ण शायरी में त्याग और बलिदान की महत्ता को दर्शाया जाता है, जो हमें धार्मिकता का सही अर्थ बताती है। 🌸 |
🌙 हुसैन के शेर दिलों में एक अलग ही जोश और भावना का संचार करते हैं |
इस लेख में, Muharram Shayari In Hindi, हमने हज़रत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत को सम्मान देने के लिए शायरी का एक संग्रह तैयार किया है। हमें विश्वास है कि ये शायरी आपको बहुत पसंद आएगी। मुहर्रम के इस पवित्र अवसर पर, हज़रत इमाम हुसैन की याद को ज़िंदा रखने के लिए इन आयतों को अपने दोस्तों और प्रियजनों के साथ साझा करें।.
हमारी वेबसाइट कई विषयों पर कई तरह के उद्धरण, कविताएँ और बधाई संदेश प्रदान करती है। यदि आप हमारे समुदाय में शामिल होना चाहते हैं, तो बेझिझक हमसे WhatsApp के माध्यम से जुड़ें। आने के लिए धन्यवाद!.
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Frequently Asked Question
मुहर्रम पर शायरी का क्या महत्व है?
मुहर्रम पर शायरी कर्बला की घटना, हज़रत हुसैन की शहादत और इस्लाम के प्रति उनके बलिदान को याद दिलाने का एक भावपूर्ण तरीका है। यह शायरी हमें त्याग, साहस, और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।
मुहर्रम शायरी का इतिहास क्या है?
मुहर्रम शायरी का इतिहास कर्बला की दुखद घटना से जुड़ा है, जहाँ हज़रत हुसैन और उनके परिवार ने इस्लाम और न्याय के लिए अपना बलिदान दिया था। शायरों ने इस घटना को अपने शब्दों में बयां कर लोगों तक इसकी भावनात्मक गहराई पहुँचाई।
मुहर्रम की शायरी किन विषयों पर केंद्रित होती है?
मुहर्रम की शायरी मुख्य रूप से कर्बला की लड़ाई, हज़रत हुसैन की कुर्बानी, इस्लाम के प्रति उनकी निष्ठा, सत्य और न्याय की लड़ाई, और शहादत के संदेशों पर आधारित होती है।
क्या मुहर्रम पर केवल दुखभरी शायरी होती है?
हां, अधिकांश मुहर्रम शायरी दुख और बलिदान को दर्शाती है, लेकिन यह दुख केवल भावनात्मक नहीं है। यह शायरी हौसले, त्याग, और इंसाफ के लिए खड़े होने के महत्व को भी बताती है, जिससे यह हमें प्रेरित करती है।
मुहर्रम शायरी को कैसे इस्तेमाल किया जाता है?
मुहर्रम शायरी का उपयोग मुख्य रूप से मुहर्रम के दौरान मातम और मजलिसों में होता है, जहाँ इसे पढ़कर हुसैन की शहादत और उनके आदर्शों को याद किया जाता है। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर भी इसे श्रद्धांजलि के रूप में साझा किया जाता है।
क्या मुहर्रम शायरी सिर्फ इस्लामी समुदाय के लिए है?
मुहर्रम शायरी इस्लामी समुदाय से जुड़ी होती है, लेकिन इसकी भावनाएं, जैसे बलिदान, सत्य, और न्याय, सभी इंसानों के लिए सार्वभौमिक हैं। इसे किसी भी समुदाय के लोग पढ़ और महसूस कर सकते हैं।
मुहर्रम शायरी कैसे लिखी जाती है?
मुहर्रम शायरी मुख्य रूप से उर्दू और हिंदी में लिखी जाती है, जिसमें कवि हुसैन और कर्बला की घटना से जुड़े गहरे भावों को शब्दों में ढालते हैं। यह शायरी गंभीर और दिल को छू लेने वाली होती है, जिसमें शायर भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं।
Conclusion
मुहर्रम शायरी न केवल हज़रत हुसैन की शहादत और कर्बला की घटना को याद करने का एक माध्यम है, बल्कि यह हमें साहस, त्याग, और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देती है। मुहर्रम के दौरान पढ़ी जाने वाली ये शायरी भावनात्मक रूप से लोगों को जोड़ती है और इस्लाम के मूल्यों और आदर्शों को सम्मानित करती है। यह शायरी दुख और बलिदान की कहानी को बयां करती है, जो हमें सच्चाई और ईमानदारी की राह पर अडिग रहने का संदेश देती है। मुहर्रम शायरी, अपने गहरे भावों और शहादत के संदेशों के कारण, केवल एक समुदाय तक सीमित नहीं है, बल्कि इंसानियत के व्यापक पाठ को प्रकट करती है।